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by shiv Author IconMail Icon
Rated: E · Poetry · Friendship · #2218871
When we miss a close friend in the office with whom we spent most of our time.
करोड़ों पल


आज तुम्हारी कमी खली है
ये बात दिल से दिमाग तक चली है
कुछ अच्छा नहीं लगता तुम्हे छेड़े बिना
ठीक हो जाओ तुम, मेरी आंखें कुछ नमी हैं

एक-एक पल एक घंटा सा लग रहा है
Bore हो गए हम, समय 'घंटा' कट रहा है
आ जाओ जल्दी तुम्हारी राह में खड़े हैं
ये कुर्सी, ये कंप्यूटर सुषुप्त ही पड़े हैं

उस मुस्कान कि कहानी मेरा मन सुना रहा है
करूँ बात कुछ भी, तुम्हारा नाम आ रहा है
ये जूते, ये चप्पल आज शोर मचा रहे हैं
तुम्हारे साथ बीते, वो करोड़ों पल याद आ रहे हैं ।।
© Copyright 2020 shiv (shivom at Writing.Com). All rights reserved.
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