खुद से पहले जो हमें संवारती है,
अपना सारा प्यार हम पर वारती है।
उंगली पकड़ कर चलना सिखाती है,
तो हाथ थाम कर लिखना भी।
गलतियों पर डांट लगाती है,
तो अच्छे बुरे का फ़र्क समझाती है।
हमारी थोड़ी सी तकलीफ देख जो खुद रो पड़ती है,
तो हंसते हंसते कई गम सह जाती है।
जिसके पास सारी समस्याओं का समाधान होता है,
गोद में जिसके सारा जहान होता है।
मम्मी भी बनती है तो पापा भी,
टीचर भी बनती है तो डॉक्टर भी।
हमारी खुशियों के लिए जो हम से भी लड़ जाती है,
तो हमें निखारने में खुद को ही भुल जाती है।
वो प्यार की मुरत है,
तो साहस की सूरत भी।
जिसके बिना एक पल जीना गंवारा नहीं,
मां जैसा अनमोल रिश्ता दूसरा कोई हमारा नहीं।।
All Writing.Com images are copyrighted and may not be copied / modified in any way. All other brand names & trademarks are owned by their respective companies.
Generated in 0.05 seconds at 1:47am on Oct 30, 2025 via server WEBX1.