उनके तबस्सुम पे, हम जान निसार किये जाते हैं,
उनकी शोखियों को हम, आँखों में बंद किये जाते हैं
साथ बिताये हर लम्हे को, हम यादों में क़ैद किये जाते हैं,
शिकायतों को उनकी, हम ध्यान से सुनते जाते हैं,
अपनी शरारतों के लिए उनसे, हम माफ़ी मांगते जाते हैं,
और फिर चेहरे को उनके रोशन देख के, हम भी मुस्कुराते जाते हैं,
हर दिन ईबादत में, उनकी खुशियाँ मांगते जाते हैं,
सलामत रहे वो सदा , यही दुआ हम खुदा से मांगते जाते हैं
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